अलग तेवर में नज़र आयेगा इस बार का सरस मेल
मेले में लखपति दीदी का पवेलियन भी लगाया जायेगा जिससे ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों की अन्य महिलाओ को भी प्रेरणा मिलेगी। इसके अतिरिक्त सरस उत्पाद ई सारस पर भी उपलब्ध हैं, ई सारस के एक विशेष स्टॉल के माध्यम से इसके बारे में भी ग्राहकों को जागरूक किया जाएगा।
Gurugram News Network – ग्रामीण अंचल की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त कर रहे, भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत विभिन्न प्रोडक्ट्स को गुरुग्रामवासियों को सुगम व सरल तरीके से उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान के सहयोग से तीसरी बार राष्ट्रीय स्तर के सरस आजीविका मेले का आयोजन किया जा रहा है। गुरूग्राम जिला में यह मेला 13 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक सैक्टर-29 स्थित लेजरवैली ग्राउंड में लगाया जाएगा जहां पर देश के 30 राज्यों से आई स्वयं सहायता समूह की 900 दीदी अपनी कला एवं संस्कृति से जुड़े हस्तनिर्मित उत्पादों की 450 स्टॉल लगाएंगी। मेले में आमजन के लिए प्रवेश बिल्कुल निःशुल्क रखा गया है। मेला प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से लेकर सांय 9ः30 बजे तक खुला रहेगा।
सरस आजीविका मेले को लेकर न्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्वाति शर्मा ने गुरूग्राम के
स्वतंत्रता सेनानी जिला परिसद हॉल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सरस मेले की रूपरेखा के बारे में विस्तार से बताया।
इस दौरान प्रेस वार्ता में ग्रामीण विकास मंत्रालय से निदेशक राजेश्वरी एसएम व गुरूग्राम के डीसी निशांत कुमार यादव भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन व राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संयुक्त प्रयासों से स्वयं सहायता समूह की महिला के जीवन में जो व्यापक बदलाव आ रहे हैं। पिछले 26 वर्षों से यह मेले ग्रामीण भारत की मातृशक्ति को स्वावलंबन की राह दिखाने के साथ साथ भारतीय प्राचीन संस्कृति व कला की उन विभिन्न विधाओं को भी एक बड़ा मंच प्रदान कर रहे हैं, जो आधुनिकता की दौड़ में कहीं गुम हो गयी थी।
आधुनिकता के साथ साथ परंपरागत भारतीय प्रोडक्ट्स को कैसे एक बेहतर बाजार उपलब्ध कराया जा सकता है। सरस मेला उसका जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत अभी तक वोकल फ़ॉर लोकल ध्येय के साथ 90 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह में करीब 10 करोड़ दिदिया गांव देहात की समृद्ध संस्कृति को आजीविका का साधन बना कर अपने व परिवार के उज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं।
सरस मेले में एक पैवेलियन एक स्टेट को रहेगा समर्पित, आगंतुकों की सुविधा के लिए स्टॉल व्यवस्था में किया गया है बदलाव
स्वाति शर्मा ने बताया कि पिछले मेलों में आगंतुकों से मिले फीडबैक के आधार पर इस बार स्टाल व्यवस्था में आवश्यक बदलाव किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार आयोजित सरस मेले में एक पैवेलियन एक स्टेट को समर्पित रहेगा। जिसमे उसी स्टेट के टेस्ट के प्रोडक्ट्स ग्राहकों के लिए उपलब्ध रहेंगे। इसी प्रकार नार्थ ईस्ट के स्टेट्स के लिए भी एक विशेष पैवेलियन रहेगा जिसमें उत्तर पूर्वी राज्यों की संस्कृति से जुड़े उत्पाद ग्राहकों को आकर्षित करेंगे।
महिला स्वयं सहायता समूहों के क्षमता निर्माण हेतू विशेषकर लर्निंग पैवेलियन एवं नॉलेज शेयरिंग पैवेलियन भी बनाये जायेंगे, जिनके माध्यम से समूह की दीदियों को भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों (ग्रामीण विकास मंत्रालय के विभिन्न विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, ग्रामीण विकास, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, वस्त्र मंत्रालय इत्यादि) द्वारा उनकी योजनाओं के अन्तर्गत समूह की दीदियों को जोड़ने एवं जीविकोपार्जन के विभिन्न साधनों की जानकारी के विषय में अवगत कराया जायेगा एवं उनके कौशल विकास हेतू विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे।
स्वाति शर्मा ने बताया कि मेले में अलग-2 राज्यों से 900 से अधिक महिलाएं भाग लेंगी। स्वयंसहायता समूहों की महिलाओं के लिए अलग-2 विषयों पर कार्यशाला आयोजित की जाएंगी। उदाहरण के तौर पर पैकेजिंग, ब्रेंडिंग, बिजनेस प्रपोजल तैयार करने, सोशल मीडिया प्लैटफार्म का उत्पादों की मार्किटिंग में उपयोग करने, वित्तीय प्रबंधन से लेकर कई अन्य विषयों के बारे मे प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा महिलाओ को सीधे बाज़ार से जोड़ने हेतु बी-टू-बी व बी-टू-सी बैठके आयोजित की जायेंगी।
स्वाति शर्मा ने कहा कि मेले में लखपति दीदी का पवेलियन भी लगाया जायेगा जिससे ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों की अन्य महिलाओ को भी प्रेरणा मिलेगी। इसके अतिरिक्त सरस उत्पाद ई सारस पर भी उपलब्ध हैं, ई सारस के एक विशेष स्टॉल के माध्यम से इसके बारे में भी ग्राहकों को जागरूक किया जाएगा।